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'इन्टरनेट' शब्द इंटरनेशनल नेटवर्किंग (International Networking) शब्द का संक्षिप्त रूप है। 'इन्टरनेट' आपस में जुड़े कम्प्यूटर नेटवर्कों की ग्लोबल संरचना है, जिसे सुचना राजपथ (International highway) कहते हैं।
इन्टरनेट TCP/IP (Transmission Control Protocol/ Internet Protocol) प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए डाटा को पैकेट स्विचिंग के द्वारा आदान-प्रदान करता है।
इन्टरनेट नेटवर्कों का नेटवर्क है, जो लाखों पब्लिक और प्राइवेट शेक्षणिक, अध्योगिक तथा सरकारी नेटवर्कों को सारे विश्व मैं विस्तार करता है। ये आपस में ताम्बे के तारों, फाइबर ऑप्टिकल केबल, वायरलेस कनेक्शन तथा दूसरे तकनीकों से जुड़े हैं।
विश्व के लगभग सारे नेटवर्क इन्टरनेट से जुड़े हुए हैं।
इंटरनेट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
• इन्टरनेट विभिन्न सुचना संसाधनों और सेवाओं; जैसे इलेक्ट्रोनिक मेल, ऑनलाइन चैट, ऑनलाइन बैंकिंग, फाइल ट्रान्सफर और शेयरिंग, ऑनलाइन गेमिंग, इन्टरलिंक्ड हाइपरटेक्सट दस्तावेज एवं वर्ल्ड वाइड वेब इत्यादि को वहन (carry) करती है।
किसी कम्प्यूटर को इन्टरनेट से जोड़ने के लिए हमें इन्टरनेट प्रोभाइडर सर्विस की सेवा लेनी होती है।
• टेलीफोन लाइन के माध्यम से कम्प्यूटर को इन्टरनेट सर्विस प्रोभाईडर के सर्वर से जोड़ा जाता है।
● भारत के इन्टरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने आरम्भ किया | • भारत में लोकप्रिय इन्टरनेट सेवा प्रदान VSNL (विदेश संचार निगम लिमिटेड), BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड), MTNL ( महानगर टेलिफ़ोन निगम लिमिटेड), मंत्राऑनलाइन तथा सत्यम ऑनलाइन है इत्यादि हैं।
• इन कंपनियों के भारत के अनेक शहरों में DNS (Domain Name System) सर्वर है।
• DNS एक कम्प्यूटर है, जो दुसरे कम्प्यूटर के डोमेन (Domain) नाम को IP (Internet protocol) एड्रेस से अनुवाद करता है।
• वर्तमान समय मैं BSNL द्वारा दो माध्यमों में इन्टरनेट की सेवा उपलब्ध कराई जाती है।
1 1. PSTN-Public switch Telephone Network
1. ISDN-Integrated Services Digital Network.
इन्टरनेट का विकाश (Development of internet ) :
• इन्टरनेट की स्थापना का विचार सर्वप्रथम 1962 में प्रो. जे. सी लिक्लाईडर (3. C. Licklider) ने दिया था।
• इसी कारण इन्हें इन्टरनेट का जनक माना जाता है। उन्होंने कम्प्यूटर की एक विश्वव्यापी अंतसबंधी श्रृंखला की कल्पना की थी जिसके जरिये आंकड़ो और कार्यकर्मों को तत्काल प्राप्त किया जा सकता है।
• इन्टरनेट का प्रारम्भ 1969 में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा अपनेट (ARPANET Advanced Research Project Agency Net) के विकास से किया गया| अर्पानेट को दुनिया का पहला नेटवर्क कहा जाता है जिसमें चार दूरस्थ कम्प्यूटर आपस में जोड़े गये थे|
अगले 20 वर्षों तक इन्टरनेट का प्रयोग रक्षा और अनुसंधान तथा शिक्षा संसाधनों में ही होता रहा।
• 1989 ई. में इन्टरनेट को आम जनता के लिए खोल दिए जाने से इसका उपयोग अन्य प्रयोजनों के लिए किया जाने लगा तथा इसके क्षेत्र में व्यापक वृद्धि हुई।
• 1990 टीम बर्न्स ली द्वारा वल्ड वाइड वेब (world Wide Web) के अविष्कार ने इन्टरनेट को नया आयाम प्रदान किया |
• अपने आर्किटेक्चर नेटवर्किंग द्वारा टीसीपी/आईपी (TCP/IP) के द्विस्तरिय नियमों के परिपालन ने सूचनाओं का आदान-प्रदान सुविधाजनक बनाया |
• 1993 में पहले ग्राफिक वेब ब्राउजर, मोजाइक (MOSAIC) सॉफ्टवेर के अविष्कार ने इन्टरनेट के विकास में सराहनीय योगदान दिया • मोजाइक सॉफ्टवेयर का विकाश मार्क एंडरसन (Marc Anderson) के नेतृत्व में किया गया था।
• इन्टरनेट में पैकेट स्विचिंग का प्रयोग किया जाता है जिसमें विभिन्न सूचनाओं को बंडल (Packet) बनाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है।
• इस कारण एक ही माध्यम का उपयोग विभिन्न उपभोगताओं द्वारा किया जाता है। इसके द्वारा दुनियाँ भर के कम्प्यूटर एक-दूसरे से सीधे जुड़े बिना भी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
इन्टरनेट के आवश्यक घटक (Equipments required for Internet)
इन्टरनेट का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित उपकरण होने चाहिए:
1. पर्सनल कम्प्यूटर (PC)
2. मॉडेम (modem)
3. संचार माध्यम
4. इन्टरनेट सॉफ्टवेयर या वेब ब्राउजर
5. इन्टरनेट सर्विस प्रोभाइडर (ISP)
वेब ब्राउजर (Web browser) - यह एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जो वर्ल्ड वाइड वेब (www) से सूचना तथा डाटा प्राप्त करने तथा उसे उपयोगकर्ता के कम्प्यूटर पर प्रदर्शित करने का कार्य करता है। यह सर्फिंग करते समय उपभोगकर्ता को सुचना प्राप्त करने में सहायता करता है तथा समय की बचत भी करता है| यह पूर्व में उपयोग किये गये इन्टरनेट साइट का विवरण रखता है तथा डेटा को डाउनलोड करने की सुविधा भी प्राप्त करता है। वर्ल्ड वाइड वेब से सूचना प्राप्त करने के लिए वेब ब्राउजर पर Uniform Resource Identifier (जैसे www.google.com) डाला जाता है।
कुछ प्रचलित वेब ब्राउजर है :
Internet Explorer Netscape Navigator Mozilla Fire fox Apple's Safari Google Chrome Opera (मोबाइल फोन में प्रचलित)
वेब सर्वर (Web Server) -
• वह कम्प्यूटर जो, वेब पेज को भंडारित करता है तथा नेटवर्क से जुड़े अन्य कम्प्यूटरों के अनुरोध पर उन्हें वेब पेज उपलब्ध कराता है, वेब सर्वर कहलाता है।
मॉडेम (modem )
• यह Modulator Demodulator का संक्षिप्त रूप है।
• कम्प्यूटर डिजिटल संकेत उत्पन्न करता है, जबकि संचार माध्यम पर केवल एनालॉग संकेत भेजा जा सकता है।
• मॉडेम वह युक्ति है, जो कम्प्यूटर के डिजिटल संकेतों (Digital singnals) को ऐनालॉग संकेत में बदलकर संचार माध्यम पर भेजता है तथा आने वाले एनालॉग संकेतों को डिजिटल संकेतों में बदलकर कम्प्यूटर के प्रयोग के योग बनता है।
• मॉडेम को सिस्टम यूनिट के कम्यूनिकेशन पोर्ट (communication Port) से जोड़ा जाता है।
• मॉडेम को कम्प्यूटर तथा संचार माध्यम के बीच जोड़ा जाता है। मॉडेम के प्रकार (Kinds of Modem):
बाह्य संरचना के अधर पर मॉडेम दो प्रकार के होते हैं।
• आंतरिक मॉडेम (Internal Modem): इसे सिस्टम यूनिट के अन्दर स्थापित किया जाता है | • बाह्य मॉडेम (External Modem) इसे सिस्टम यूनिट के बहार रखा जाता है।
डोमेन नेम सिस्टम (Domain Name System) -
यह नेटवर्क पर कम्प्यूटर, सर्वर या वेबसाइट के निश्चित नामकरण की प्रणाली है ताकि उसे अलग पहचान दी जा सके| तह सामान्य भाषा में दिए गये नाम को अंकीय पता (IP Address) में बदलता है तथा उससे सम्पर्क स्थापित करता है|
उदहारण के लिए :- यदि हम इन्टरनेट पर www.example.com लिखते हैं तो कम्प्यूटर इसे अंकित पता .0.32.10 में बद वेबसाइट को खोजता है। इस प्रकार, यह अंकित पता की जगह याद रखने योग्य आसान पता का प्रयोग संभव बनाता है।
डोमेन नेम (Domain name ) -
नेटवर्क में प्रत्येक कम्प्यूटर को एक विशेष नाम दिया जाता है जिसे डोमेन नेम कहते हैं।
डोमेन नेम के दो भाग्य होते हैं:
• नाम (Name ) एक्सटेनशन (Extention) यहाँ नाम कुछ भी रखा जा सकता है, पर एक्सटेनशन उपलब्ध विकल्पों में से ही कोई एक हो सकता है। जैसे Example.com में Example नाम है जबकि.com एक्सटेनशन है। डोमेन नेम में अंक या अक्षर या दोनों हो सकते हैं।
इन्टरनेट के उपयोग (Uses of Internet) -
इन्टरनेट के निम्नलिखित उपयोग है :
सूचनाओं की खोज (Search For Information):
• इन्टरनेट पर बहुत सारे साइट्स होते हैं लिटरेचर, सिनेमा, शेयर्स, संगीत का भंडार और बहुत साड़ी जानकारियों का भंडार इलेक्ट्रोनिक रूप में उपलब्ध होता है।
• अगर हम इनको ढूँढ पाने में सक्षम नहीं होते है तो इन्टरनेट पर सर्च टूल भी है, जिसपर इन्हें टाइप कर इनका URL पता कर सकते हैं तथा ब्राउजर कर सकते हैं।
• कुछ सर्च इंजन निम्नलिखित है- गूगल [http://ww.yahoo.com], खोज [http:www.bing [.com] इत्यादि |
• साइबर 411 (Cyber 411 ) एक विशाल सर्च इंजन है, जो 16 सर्च इंजनों के परिणामों को मिलाकर देता है और यह बहुत तिव्र गति से कार्य करता है। खोज एक भारतीय सर्च इंजन है।
इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic mail) :
• यह व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला इन्टरनेट सेवा है, जिसे संक्षिप्त में ई-मेल (e-mail) कहते हैं। ई-मेल पते के दो भाग होते हैं यूजर नाम तथा डोमेन नाम |
• यूजर नाम में कहीं भी space नहीं हो सकता है।
• इसके द्वारा संदेश शीघ्र भेजा या प्राप्त किया जा सकता है।
• पासवर्ड से उपयोगकर्ता अपने ई-मेल की गोपनीयता बरकरार रख सकता है।
• ई-मेल का Subject संदेश की विषय-वस्तु के बारे में बताता है। ई-मेल एकाउन्ट में एक स्टोरेज एरिया होता है, जिसे मेल बॉक्स कहते हैं।
• प्रेषित मेल प्राप्तकर्ता के मेल बॉक्स में चला जाता है, जिसे खोल कर प्राप्तकर्ता संदेश प्राप्त करता है।
• ई-मेल के साथ ग्राफ, ध्वनी, फाइल या फोटो जोरकर भेजा जा सकता है, जिसे attachments कहते हैं।
• यह डाक टिकेट की आवश्यकता को घटाता है तथा संदेश को भेजने और प्राप्त करने में लगे समय की बचत करता है।
• ड्राफ्ट फोल्डर संदेशों की कॉपियां रखता है जिसे हम आरम्भ करते हैं या भेजने के लिए तैयार नहीं हैं।
ई-मेल का जन्मदाता आर. टोमलिंसन है। पहला फ्री ई-मेल सेवा के जन्मदाता सबीर भाटिया है, जिन्होंने जून 1996 में हॉटमेल सेवा शुरू की।
• भारत में प्रमुख ई-मेल प्रदान करने वाले HI www.rediffmail.com, www.yahoomail.com, www.hotmail.com,www.india.com, www.gmail.com |
दूसरे व्यक्ति से वार्तालाप करना (Chat with other people):
• यदि हम अनजान व्यक्ति से बात करना तथा नए दोस्त बनाना पसंद करते हैं तो इन्टरनेट सबसे अच्छा माध्यम है।
• चैट प्रोग्राम द्वारा बिना किसी व्यक्ति की भौगोलिक स्थिति जाने हुए हम बातचीत कर सकते हैं।
• चैट के अन्तर्गत यूजर किसी विषय पर लिखित रूप से चर्चा करते हैं।
• इन्टरनेट से जुरे कम्प्यूटरों का उपयोग कर दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा वार्तलाप करना चैटिंग (chatting) कहलाता है।
1. टेलनेट (Telnet):
• टेलनेट प्रोग्राम का प्रयोग कर हम दुसरे कम्प्यूटर को जोड़कर ऐसे कार्य कर सकते हैं तथा उसके संसाधनों को उपयोग कर सकते हैं। इसे रिमोट लॉगइन (Remot login) भी कहा जाता है।
यूज़नेट (Usenet): यह लोगों का समूह है, जो सभी जगह मान्यता प्राप्त कर एक या अधिक लेवल News group के द्वारा विषय (article) की अदली-बदली (Exchange) करते हैं | यूजर अपने उपभोगकर्ता के लिए उपलब्ध ग्रुप के सेट के बारे में निर्णय लेता है। यह सेट हर साइट के लिए भिन्न-भिन्न होता है।
वर्ल्ड वाइड वेब (World wide web:www):
• वर्ल्ड वाइड वेब (www) और इन्टरनेट दोनों दो चीजें हैं, परन्तु दोनों एक-दूसरे पर निर्भर है। वर्ल्ड वाइड वेब जानकारीयुक्त पेजों का विशाल संग्रह है जो एक दूसरे से जुड़ा हुआ है, वेब पेज कहतें हैं| • वेब पेज HTML भाषा में लिखा होता है जो कम्प्यूटर में प्रयुक्त एक भाषा है।
• HTML हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज का संक्षिप्त रूप है।
• हर पेज टेक्स्ट, चित्र, ध्वनी क्लिप विडियो क्लिप, एनीमेशन और विभिन्न चीजो का संयोग है। • वेब पेज को जो रोचक बनता है, वह है हाइपरलिंक, जिसे अक्सर लिंक कहा जाता है। हाइपरलिंक पर माउस पॉइंटर से पॉइंट करने पर पॉइंटर का आकर हाथ जैसा हो जाता है।
• हर लिंक किसी दुसरे पेज को इंगित करता है ओर जब हम इस पर क्लिक करते हैं, हमारा ब्राउजर लिंक से जुड़े पेज को उपलब्ध करता है।
• अत: वर्ल्ड वाइड वेब एक विशाल सूचनाओं का डेटाबेस है तथा हर सूचना एक दूसरी सूचना से जुड़ी रहती है।
• वेब पेज को रिलोड करने के लिए रीलोड बटन का प्रयोग करते हैं |
• वर्ल्ड वाइड वेब का विकास टिम वर्नर्स ली 1989 में किया था
फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (GTP) :
• यह इन्टरनेट पर जुड़े दो कम्प्यूटरों के बीच फाइल स्थानान्तरण करने की सुविधा है।
• वेब ब्राउजर का उपयोग कर हम फाइल को डाउनलोड तो कर सकते हैं, पर अपलोड नहीं कर सकते हैं।
• FTP अनुप्रयोग हमें वेब साइट पर फाइल अपलोड करने में सहायता करता है|
ई-कॉमर्स (E-Commerce):
• ई-कॉमर्स बिना कागज के व्यापर जानकारी का इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के द्वारा आदान-प्रदान है।
• ई-कॉमर्स के अंतर्गत वस्तुओं या सेवाओं की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम यानि इन्टरनेट के द्वारा होत है।
• यह इन्टरनेट पर व्यापर है।
वीडियो कॉन्फरेसिंग (video Conferencing):
• यह इन्टरनेट के द्वारा विभिन्न स्थलों पर ऑडियो और विडियो डेटा संचारित करने के लिए तथा दो या दो से अधिक प्रतिभागियों के बीच एक सम्मलेन का आयोजन करने में सक्षम बनता है। अर्थात दो या दो से अधिक व्यक्ति इन्टरनेट के द्वारा ऐसे वार्तालाप कर सकते हैं जैसे वो आपने-सामने हों|
• इसमें कम्प्यूटर के साथ-साथ विडियो कैमरा, माइक्रोफोन तथा स्पीकर की आवश्यकता होती है।
• यह एक विडियो तेलिफोन की तरह काम करता है।
• voice Conversation इन्टरनेट टेलीफोन के माध्यम से भी संभव है।
ऑनलाइन खरीदारी (Online Shopping):
• ऑनलाइन खरीदारी की प्रक्रिया में उपभोगता उत्पादों या सेवाओं की खरीद इन्टरनेट के माध्यम से करते हैं तथा इन्टरनेट के माध्यम से उपभोगता की मांगों को पूरा किया जाता है